Next Article बालक की देशभक्ति Previous Article सारस्वत्य मंत्र का अनुष्ठान-AMD अच्छे बालक की पहचान अच्छे बालक की पहचान, बतलाते सद्गुरु भगवान। सुबह ब्राह्ममुहूर्त में उठता, करता परमात्मा का ध्यान। करदर्शन कर,धरती माँ के, नित करता चरणों में प्रणाम। नित्य क्रिया से निवृत्त होकर, नित करता ऋषि-स्नान। पूर्वाभिमुख हो आसन पर, निश्चल मन करता जप-ध्यान। त्राटक करता गुरुमूर्ति पर, योगासन और करे प्राणायाम। सूर्यदेव को अर्घ्य है देता, तुलसी- दल खा करे जलपान। मात-पिता को शीश नवाता, गुरुजन का करता सम्मान। विद्यालय नित पढ़ने जाता, पठन-पाठन में देता ध्यान। गुरु, गणपति, माँ सरस्वती का, निशदिन करता है गुणगान। सात्विक भोजन ही करता है, प्रभु अर्पण कर सुबह-शाम। सद्गुरु-संत वचन नित सुनता, चलता उनकी आज्ञा मान। धर्म,संस्कृति,देश की रक्षा, पर देता वह खूब ध्यान। दीन-दुखी लाचार जनों की सेवा करता त्याग अभिमान। आलस त्यागो अब तो जागो, बनो ध्रुव प्रह्लाद समान। ऐसे बालक राष्ट्र-रत्न हैं, यही बनाते देश महान। 🙌🏻संकल्प ‘सर्व सफलता की कुंजी है आदर्श दिनचर्या। हम भी इसे अपनाएंगे।' Next Article बालक की देशभक्ति Previous Article सारस्वत्य मंत्र का अनुष्ठान-AMD Print 1303 Rate this article: 5.0 Please login or register to post comments.